राणा भीम सिंह / rana bhim singh
राणा भीम सिंह / rana bhim singh _ राणा भीमसिंह राजस्थान के मेवाड़ रियासत के सिसोदिया वंश के शासक थे जो 1778 से 1818 तक मेवाड़ के शासक रहे
राणा भीम सिंहभीम सिंह ने अपनी पुत्री कृष्णा कुमारी का विवाह मारवाड़ के शासक राव भीम सिंह के साथ निश्चित किया था लेकिन उससे पूर्व ही राव भीम सिंह की मृत्यु हो जाने के कारण कृष्णा कुमारी का विवाह जयपुर के शासक सवाई जगत सिंह के साथ निश्चित किया गया लेकिन इस बात से मारवाड़ का राव भीम सिंह का भाई राव मानसिंह नाराज हो गया
इस बात से नाराज होकर राव मानसिंह और जयपुर के शासक सवाई जगत सिंह के मध्य 13 मार्च 1807 को गिंगोली नागौर का युद्ध हुआ जिसमें अमीर खा पिंडारी के सहयोग से जयपुर का सवाई जगत सिंह विजय रहा
कृष्णा कुमारीराणा भीम सिंह ने अपने एक मंत्री अजीत सिंह चुंडावत की सलाह से वह अमीर खां पिंडारी के दबाव डाले जाने से 1810 ई़ मैं कृष्णा कुमारी को राणा भीम सिंह ने जहर देकर मार दिया था इस घटना को इतिहास मे कृष्णा कुमारी कांड के नाम से जाना जाता है
22 जनवरी 1818 को राणा भीम सिंह ने अंग्रेजों के साथ सहायक संधि कर ली
कृष्णा कुमारी
कृष्णा कुमारी मेवाड़ के शासक भीम सिंह की पुत्री थी जो कि 16 वर्ष की थी और यह बहुत ही खूबसूरत थी कृष्णा कुमारी का विवाह मारवाड़ के शासक भीम सिंह से हुई थी लेकिन हालांकि विवाह से पहले ही भीम सिंह की अज्ञात कारणों से मृत्यु हो जाने के कारण मेवाड़ के महाराणा भीमसिंह ने कृष्णा कुमारी का विवाह जयपुर के सवाई जगत सिंह के साथ करने का निश्चय किया इस बात का पता जब मारवाड़ के भीम सिंह के छोटे भाई मानसिंह को पता चला तो उसने एक पत्र मेवाड़ के महाराणा भीम सिंह के पास भेजा उसने उस संदेश में लिखा था कि मारवाड़ की बेटी को उसके द्वंद जयपुर में विवाह किया जा रहा है यहां एक शर्म की बात नहीं है तो क्या है
आखिरकार मारवाड़ के मानसिंह ने आमिर खा पिंडारी जोकि किराए पर उपलब्ध एक मराठा सरदार था मान सिंह ने आमिर खान पिंडारी को रिश्वत देते हुए उदयपुर भेजा और संदेश भेजा कि अगर कृष्णा कुमारी का विवाह सिर्फ मानसिंह से ही किया जाए या फिर उसे जहर देकर मार दिया जाए आमिर खा पिंडारी ने महाराणा भीमसिंह को धमकी देते हुए कहा कि यदि कृष्णा कुमारी का विवाह मानसिंह से नहीं हुआ तो मैं खुद मेवाड़ को लूट लूंगा
महाराणा भीमसिंह ने आखिरकार बहुत परेशान होकर कृष्णा कुमारी को मारने को प्लेन बनाया और दौलत सिंह को कृष्णा कुमारी को मारने के लिए कहा तो दौलत सिंह ने नाराज होकर और महाराणा को दंडित करते हुए कहा कि ऐसा आदेश देने वाले को अपनी जीवा काट देनी चाहिए महाराणा भीम सिंह को कृष्णा कुमारी को मारने का और कोई तरीका नहीं मिला तो उसने आखिरकार निश्चय किया कि कृष्णा कुमारी को जहर देकर मारना ही ठीक है और यह कार्य महाराणा ने कच्चेला(हरम) की महिलाओं को सौंप दिया
बहादुर राजकुमारी ने चुपचाप अपने भाग्य को स्वीकार किया और उसे यही सही लगा कि वह अपने पिता के सम्मान के लिए मर जानाअच्छा है और वह महल के बाहर निजी उद्यान में जाकर प्रार्थना करने लगी और एक महिला ने विष का भरा हुआ प्याला कृष्णा कुमारी को दिया और कृष्णा कुमारी के ऊपर उस जहर का कोई असर नहीं पड़ा तो फिर महिला ने एक और जहर का प्याला कृष्णा कुमारी को पिलाया फिर भी कृष्णा कुमारी पर जहर का कोई असर नहीं पड़ा ऐसा लग रहा था कि मानो कोई परमात्मा उसकी मदद कर रहा है फिर तीसरी बार बहुत ही विषैला जहर कृष्णा कुमारी को दीया और वह अंत में मर गई
राणा भीम सिंह को इस कार्य के बाद राजनीतिक रूप से राहत मिली लेकिन व्यक्तिगत रूप से दुखग्रस्त भीम सिंह ने कृष्णा कुमारी के महल के स्थान पर मंदिर का निर्माण करवाया जिसमें उसके साहस बलिदान और वीर कार्यों की गाता है
मेवाड़ के सिसोदिया वंश का राजवंश
1• राणा हमीर 1326 _ 1364
2• राणा क्षेम सिंह 1364 _ 1382
3• राणा लाखा 1382 _ 1421
4• राणा मोकल 1421_ 1433
5• राणा कुंभा 1433 _ 1468
6• राणा उदा 1468 _1473
7• राणा राय सिंह 1473 _ 1509
8• राणा सांगा /संग्राम सिंह 1509 _ 1528
9• राणा रतन सिंह 1528 _ 1531
10• राणा विक्रमादित्य 1531 _ 1536
11•बनवीर 1536 _1537
12•राणा उदय सिंह द्वितीय 1537 _ 1572
13•महाराणा प्रताप 1572 _ 1597
14•राणा अमर सिंह 1597 _ 1620
15•राणा करण सिंह 1620 _ 1628
16•जगत सिंह 1628 _1652
17• राणा राज सिंह 1652 _ 1682
18•राणा राज सिंह 1682 _ 1696
19•राणा अमर सिंह द्वितीय 1696 _1710
20• राणा संग्राम सिंह दितीय 1710 _ 1734
21• राणा जगत सिंह द्वितीय 1734 _1751
22•राणा प्रताप सिंह दितीय 1751 _1754
23• राणा राज सिंह दितीय 1754 _ 1762
24•राणा हरि सिंह वित्तीय 1762 _ 1772
25•राणा हमीर सिंह वित्तीय 1772 _ 1778
26• राणा भीम सिंह 1778 _ 1828
27•राणा जवान सिंह 1828 _ 1838
28•राणा सरदार सिंह 1838 _ 1842
29• राणा स्वरूप सिंह 1842 _ 1861
30• राणा शंभू सिंह 1861 _ 1874
31•राणा सज्जन सिंह 1874 _ 1884
32• फतेह सिंह 1884 _ 1930
33• भूपाल सिंह 1930 1947
Note• राणा भूपाल सिंह इस वंश का अंतिम शासक थे
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